भोले बाबा के ढोलक वाले भजन लिरिक्स कब से खड़ी हूं
कब से खड़ी हूं झोली पसार
क्यों ना सुनो तुम मेरी पुकार
जग रखवाला है मेरा भोला बाबा
सहारा देने वाला है मेरा भोला बाबा
देख लो लगी है आज मंदिर में यह भीड़ भारी
दर्शनों की खातिर यहां आए हैं लाखों नर नारी
आ जाओ त्रिपुररी भक्तो ने पुकारा है मेरे भोले बाबा
जग रखवाला है मेरा भोला बाबा
जिंदगी के हारे गम जमाने का ले हम हैं आए
आज इस जमाने में लोग अपने हुए हैं पराए
रे सिवा इस दुनिया में कोर ना हमारा है मेरे भोले बाबा
सहारा देने वाला है मेरा डमरू वाला
रास्ता ना सुझे कहां जाएं मुसीबत के मारे
आसररा है तेरा दूर कर जा ये संकट हमारे
सुनते हैं तुमने ही लाखों को तारा है मेरे भोले बाबा
‘जग रखवाला है मेरा भोला बाबा
आ गए शरण में बोझ पापों का सिर पर उठाए
‘कर नजर दया की भक्तजन तेरे ही गीत गाए
सेवा में तेरी हमने तो जीवन गुजारा है मेरे भोले बाबा
जीने का सहारा है मैरा भोले बाबा
भोले बाबा के ढोलक वाले भजन लिरिक्स कब से खड़ी हूं
कैलाश पर्वत और चंद्रमा का रहस्य…
कैलाश पर्वत एक अनसुलझा रहस्य, कैलाश पर्वत के इन रहस्यों से नासा भी हो चुका है चकित…कैलाश पर्वत, इस एतिहासिक पर्वत को आज तक हम सनातनी भारतीय लोग शिव का निवास स्थान मानते हैं। शास्त्रों में भी यही लिखा है कि कैलाश पर शिव का वास है..किन्तु वहीं नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश एक रहस्यमयी जगह है। नासा के साथ-साथ कई रूसी वैज्ञानिकों ने कैलाश पर्वत पर अपनी रिपोर्ट दी है..उन सभी का मानना है कि कैलाश वास्तव में कई अलौकिक शक्तियों का केंद्र है। विज्ञान यह दावा तो नहीं करता है कि यहाँ शिव देखे गये हैं किन्तु यह सभी मानते हैं कि, यहाँ पर कई पवित्र शक्तियां जरूर काम कर रही हैं। तो आइये आज हम आपको कैलाश पर्वत से जुड़े हुए कुछ रहस्य बताते हैं।
कैलाश पर्वत के रहस्य –
रहस्य 1 – रूस के वैज्ञानिको का ऐसा मानना है कि, कैलाश पर्वत आकाश और धरती के साथ इस तरह से केंद्र में है जहाँ पर चारों दिशाएँ मिल रही हैं। वहीं रूसी विज्ञान का दावा है कि यह स्थान एक्सिस मुंडी है और इसी स्थान पर व्यक्ति अलौकिक शक्तियों से आसानी से संपर्क कर सकता है। धरती पर यह स्थान सबसे अधिक शक्तिशाली स्थान है।
रहस्य 2 – दावा किया जाता है कि आज तक कोई भी व्यक्ति कैलाश पर्वत के शिखर पर नहीं पहुच पाया है। वहीं 11 सदी में तिब्बत के योगी मिलारेपी के यहाँ जाने का दावा किया जाता रहा है। किन्तु इस योगी के पास इस बात के प्रमाण नहीं थे या फिर वह स्वयं प्रमाण प्रस्तुत नहीं करना चाहता था। इसलिए यह भी एक रहस्य है कि इन्होंने यहाँ कदम रखा या फिर वह कुछ बताना नहीं चाहते थे।
रहस्य 3 – कैलाश पर्वत पर दो झीलें हैं और यह दोनों ही रहस्य बनी हुई हैं। आज तक इनका भी रहस्य कोई खोज नहीं पाया है। एक झील साफ़ और पवित्र जल की है। इसका आकार सूर्य के समान बताया गया है। वहीं दूसरी झील अपवित्र और गंदे जल की है तो इसका आकार चन्द्रमा के समान है।
रहस्य 4 – यहाँ के आध्यात्मिक और शास्त्रों के अनुसार रहस्य की बात करें तो कैलाश पर्वत पे कोई भी व्यक्ति शरीर के साथ उच्चतम शिखर पर नहीं पहुच सकता है। ऐसा बताया गया है कि, यहाँ पर देवताओं का आज भी निवास हैं। पवित्र संतों की आत्माओं को ही यहाँ निवास करने का अधिकार दिया गया है।
रहस्य 5 – कैलाश पर्वत का एक रहस्य यह भी बताया जाता है कि जब कैलाश पर बर्फ पिघलती है तो यहाँ से डमरू जैसी आवाज आती है। इसे कई लोगों ने सुना है। लेकिन इस रहस्य को आज तक कोई हल नहीं कर पाया है.
रहस्य 6 – कई बार कैलाश पर्वत पर सात तरह के प्रकाश आसमान मेंदेखे गये हैं। इस पर नासा का ऐसा मानना है कि यहाँ चुम्बकीय बल है और आसमान से मिलकर वह कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता
रहस्य 7 – कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों का केंद्र माना गया है। यहाँ कई साधू और संत अपने देवों से टेलीपैथी से संपर्क करते हैं। असल में यह आध्यात्मिक संपर्क होता है।
रहस्य 8 – कैलाश पर्वत का सबसे बड़ा रहस्य खुद विज्ञान ने साबित किया है कि यहाँ पर प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से ॐ की आवाजें सुनाई देती हैं। समझ गये होंगे कि, कैलाश पर्वत क्यों आज भी इतना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व रखे हुए है। हर साल यहाँ दुनियाभर से कई लोग अनुभव लेने आते हैं, और सनातन धर्म के लिए कैलाश सबसे बड़ा आदिकालीन धार्मिक स्थल भी बना हुआ…यहाँ पर सूर्य और चंद्रमा के संधि काल (सायं काल) प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से ॐ की आवाजें सुनाई देती हैं…
कहानी दिलों के रिश्ते कि…
“””” भैया परसों नए मकान का ग्रह प्रवेश करवाना है और हवन भी है रविवार का दिन है इसलिए आप परिवार सहित समय पर पहुंच जाना मै गाड़ी भेज दूंगा””””….. छोटे भाई अनुज ने अपने बड़े भाई दिनदयाल से फोन पर बात करते हुए कहा..
दिनदयाल (फोन पर)- – नया मकान क्यों छोटे दूसरा मकान ले लिया क्या किराए पर ?
अनुज- नहीं भैया किराए का नहीं अपना ले लिया है
दिनदयाल – अपना मकान? तूने कभी बताया भी नहीं कि तु मकान खरीदने वाला है कोई जिक्र नहीं किया कभी तुने
अनुज – बस भैया ऐसे ही वो इस बारे में बात करने का समय भी नहीं मिला अच्छा अभी रखता हूं फोन आप समय से पहुंच जाना
( अनुज ने फोन काट दिया पर बड़ा भाई दिनदयाल भरपूर आश्चर्य में डूबा हुआ बार बार एक हि बात दोहराए जा रहा था…..“””अपना मकान “””””….. ये शब्द उसके दिमाग में विस्फोट कि तरह बार बार धमाके कर रहे थे ….
अनुज और दिनदयाल दोनों सगे भाई थे दोनो में 15 साल का अंतर था ……अनुज जब 8 साल का था तो एक दुर्घटना में उनके पापा चल बसे ठीक 6 महिने बाद उसकी मां भी दिल के दौरे को झेल नहीं पाई और चल बसी….
अब छोटे भाई अनुज कि सारी जिम्मेदारी बड़े भाई दिनदयाल के कंधो पर थी ….. इसलिए दिनदयाल ने शादी भी जल्दी कर ली जिससे अनुज कि देख रेख सही से हो सके क्योंकी नौकरी कि वजह से वो अनुज को ज्यादा समय नहीं दे पा रहा था……
प्राइवेट कम्पनी में एक मामूली सा क्लर्क था दिनदयाल सारी तनख्वाह कमरे का किराया खान पान अनुज कि पढ़ाई में खर्च हो जाती थी इसलिए शादी के कई साल बाद दिनदयाल ने बच्चे पैदा करने का सोचा पहले उसने इसलिए नहीं होने दिए कि जितना बड़ा परिवार उतने ज्यादा खर्चे ……
पढ़ाई पुरी होते ही अनुज कि नौकरी एक अच्छी कम्पनी में लग गई नौकरी अच्छी थी तो जल्द ही शादी भी हो गई अब किराए का मकान होने कि वजह से बड़े भाई के वहां जगह कम पड़ने लगी वैसे भी दिनदयाल के भी दो बच्चे थे लड़की बड़ी और लड़का छोटा दोनों बड़े हो रहे थे इसलिए अनुज ने एक दूसरा मकान किराए पर ले लिया…..
दीनदयाल ने जब अनुज के खुद का मकान लेने कि बात अपनी बीबी को बताई तो बीबी कि आंखो से आंसू निकल आए और वो बोली……
“”” देवर जी के लिए हमने क्या कुछ नहीं किया कभी बच्चो को अच्छा पहनाया नहीं अच्छा खिलाया नहीं अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ाया ये सोचकर कि अनुज हमारी जिम्मेदारी है उसके लिए कमी नहीं होनी चाहिए …….. दुख इस बात का नहीं है कि उन्होंने मकान ले लिया… दुःख तो इस बात का है कि ये बात उन्होंने हमसे छुपा कर रखी हम क्या छीन लेते उनसे कुछ चलो कोई नहीं भगवान उन्हें खुश रखे
रूवांसी आवाज में दिनदयाल बोला…..”””मुझे भी दुख इसी बात का है कि उसने एक बार भी बताना जरुरी नहीं समझा क्या इतने पराए हो गए हम
रविवार के दिन अनुज द्वारा भेजी गाड़ी दिनदयाल के परिवार को लेकर एक सुंदर मकान के बाहर खड़ी थी….. मकान को देखकर दिनदयाल के मन में हल्की हूक सी उठी….. मकान बाहर से जितना सुंदर था अंदर से उससे भी ज्यादा सुंदर और सजा हुआ वहां हर सुख सुविधाओं का सामान मौजूद था …. अंदर मकान के एक जैसे दो हिस्से देखकर और उन दोनों हिस्सों में एक जैसा सामान देखकर दिनदयाल ने मन हि मन सोचा….“”””” देखो छोटे को अभी से अपने दोनों लड़कों का कितना सोच है दोनों के लिए अभी हि एक जैसे दो हिस्से (portion) तैयार करवा लिए हैं … पूरा मकान कम से कम डेढ़ करोड़ से ऊपर का तो बना ही हाेगा एक मै हूं जिसके पास जवान लड़की कि शादी करने के लिए दो चार लाख रूपए का इंतजाम भी नहीं हैं “”””””
मकान देखकर दिनदयाल कि आंखो में आंसू थे जिन्हें वो बाहर छलकने से जबरदस्ती रोके हुए था…
तभी अचानक पंडित जी कि आवाज सुनाई दी ….
“”” हवन का मुहूर्त हो गया है गृहस्वामी हवन के लिए हवनकुंड के सामने बैठें
सबने अनुज को बोला पंडित जी हवन के लिए बुला रहे हैं जाओ…
यह सुन अनुज बोला …..””” इस मकान का अकेले मलिक मै ही नहीं हूं मेरे बड़े भाई भी हैं इसलिए एक जैसे दो हिस्से हैं एक हिस्सा मेरा और एक मेरे बड़े भाई का मेरे से ज्यादा हक इस मकान पर मेरे बड़े भाई का है मै आज जो हूं उनकी बदौलत हूं…. जीतना मेरे भाई भाभी ने मेरे लिए त्याग किया उसके आगे ये सब शून्य है “””
जब दोनों भाई हवनकुंड के सामने बैठे हवन करने कि तैयारी में थे तो अनुज ने धीरे से अपने बड़े भाई दिनदयाल के कान में कहा …..
“”” भैय्या बिटिया कि शादी कि बिल्कुल चिंता ना करना उसका इंतजाम मैने मकान लेने से पहले हि कर लिया है…. और मेरे भतीजे को भी मै अगले साल एक अच्छे स्कूल में दाखिला दिलवाऊंगा वहां मैने बात कर ली…. लाड़ प्यार से जैसा भविष्य आपने और भाभी जी ने मेरा संवारा उसका ऋण तो मै कभी चूका नहीं सकता पर अब आपकी सारी परेशानियों को दूर करना चाहता हूं पहले कभी आपको इसलिए नहीं बताया कि सोचा पहले सब इंतजाम कर लूं फिर आपको बताऊंगा नहीं तो आप मेरे लिए परेशान हो जाते और ये सब नहीं करने देते इसके लिए मुझे माफ़ कर दें
पूरे हवन के दौरान दिनदयाल अपनी आंखो से लगातार बहते पानी को पौंछने में लगे थे जबकि हवन कि पावन अग्नि में धूंवे का नामोनिशान तक नहीं था…..