शंकर तेरी जटा में

शंकर तेरी जटा में लिरिक्स

शंकर तेरी जटा में

तर्ज ,,तेरे से क्या छुपा है

शंकर तेरी जटा में रहती है गंगधारा

भारत बसुंधरा पर बहती है गंगधारा ।।

बिष्णु चरण से निकली ,मस्तक पे शिव चढ़ाई

उस नीलकंठ की क्या ,मुख से करु बड़ाई

पापों को अपने धोले कहती हैं गंगधारा

शंकर तेरी जटा में ,,,,…………. ।।

भंग और गंग दोनू ,बहने हैं ये धरम की

इसमें ना कोई शक है ये बात है मरम की

उस भोलेनाथ का है ,मुझको बड़ा सहारा

शंकर तेरी जटा में ………………

कैलाश पे लगाया दरबार दिगम्बर ने

क्या खुशनुमा बनाया ,संसार दिगम्बर ने

मेरा तो चन्द्रशेखर से ,चल रहा गुजारा

शंकर तेरी जटा में ………. ।।

*शिव* *श्याम**बहादुर* के ,नैनो की जोत है तूं

मेरा तो दीनबंधु जीवन का स्तोत्र है तू

तेरी महर नजर से भव से मिले किनारा

शंकर तेरी जटा में ………… ।।

शंकर तेरी जटा में लिरिक्स

धन्ना जाट जी की कथा

एक बार की बात है, एक गाँव था जहाँ भागवत कथा का आयोजन किया गया था। एक पंडित कथा सुनाने आया था जो पूरे एक सप्ताह तक चली। अंतिम अनुष्ठान के बाद, जब पंडित दान लेकर घोड़े पर सवार होकर जाने को तैयार हुआ, तो धन्ना जाट नामक एक सीधे-सादे और गरीब किसान ने उसे रोक लिया।

धन्ना ने कहा, “हे पंडित जी! आपने कहा था कि जो भगवान की सेवा करता है, उसका बेड़ा पार हो जाता है। लेकिन मेरे पास भगवान की मूर्ति नहीं है और न ही मैं ठीक से पूजा करना जानता हूँ। कृपया मुझे भगवान की एक मूर्ति दे दीजिए।”

पंडित ने उत्तर दिया, “आप स्वयं ही एक मूर्ति ले आइए।”

धन्ना ने कहा, “लेकिन मैंने तो भगवान को कभी देखा ही नहीं, मैं उन्हें कैसे लाऊँगा?”

उन्होंने पिण्ड छुडाने को अपना भंग घोटने का सिलबट्टा उसे दिया और बोले- “ये ठाकुरजी हैं ! इनकी सेवा पूजा करना।’

“सच्ची भक्ति: सेवा और करुणा का मार्ग”

एक समय की बात है, एक शहर में एक धनवान सेठ रहता था। उसके पास बहुत दौलत थी और वह कई फैक्ट्रियों का मालिक था।

एक शाम, अचानक उसे बेचैनी की अनुभूति होने लगी। डॉक्टरों ने उसकी जांच की, लेकिन कोई बीमारी नहीं मिली। फिर भी उसकी बेचैनी बढ़ती गई। रात को नींद की गोलियां लेने के बावजूद भी वह नींद नहीं पा रहा था।

आखिरकार, आधी रात को वह अपने बगीचे में घूमने निकल गया। बाहर आने पर उसे थोड़ा सुकून मिला, तो वह सड़क पर चलने लगा। चलते-चलते वह बहुत दूर निकल आया और थककर एक चबूतरे पर बैठ गया।

तभी वहां एक कुत्ता आया और उसकी एक चप्पल ले गया। सेठ ने दूसरी चप्पल उठाकर उसका पीछा किया। कुत्ता एक झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में घुस गया। जब सेठ नजदीक पहुंचा, तो कुत्ते ने चप्पल छोड़ दी और भाग गया।

इसी बीच, सेठ ने किसी के रोने की आवाज सुनी। वह आवाज एक झोपड़ी से आ रही थी। अंदर झांककर उसने देखा कि एक गरीब औरत अपनी बीमार बच्ची के लिए रो रही है और भगवान से मदद मांग रही है।

शुरू में सेठ वहां से चला जाना चाहता था, लेकिन फिर उसने औरत की मदद करने का फैसला किया। जब उसने दरवाजा खटखटाया तो औरत डर गई। सेठ ने उसे आश्वस्त किया और उसकी समस्या

श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर: भूलोक का वैकुण्ठ

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परिचय

श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर तमिलनाडु में कावेरी और कालीदाम नदी के बीच टापू पर स्थित है, और इसे भूलोक का वैकुण्ठ कहा जाता है। इस मंदिर का अनुपम कला शिल्प एवं अद्वितीय सौंदर्य इसे दुनिया के सबसे बड़े पूजनीय मंदिरों में से एक बनाता है।
श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर खुलने का समय सुबह 6:00 बजे है और श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर बंद होने का समय रात 9:00 बजे है।

विशाल क्षेत्रफल और संरचना

श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 156 एकड़ (6,31,000 वर्गमीटर) है, और इसका परिसर 7 प्रकारों और 21 गोपुरम (द्वार) को मिलाकर बना है। मंदिर का मुख्य गोपुरम, जिसे राजगोपुरम कहा जाता है, 236 फीट (लगभग 72 मीटर) ऊँचा है। यह मंदिर तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम नामक द्वीप पर स्थित है।

भगवान विष्णु और लक्ष्मी का वास. ……….

डमरू बजाने वाले

पार्वती बोली शंकर से सुनिये भोलेनाथ जी

गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है

इक दिन वो भोले भंडारी

कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है

है धन्य तेरी माया जग में

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