राधा साध्यम साधनं यस्य राधा, मन्त्रो राधा मन्त्र दात्री च: राधा ।
सर्वं राधा जीवनम् यस्य राधा, राधा राधा वाचिकिम तस्य शेषम् ॥
ब्रज चौरासी कोस में चार ग्राम निजधाम ।
वृंदावन अरु मधुपुरी बरसानो नंद गांम ॥
श्री राधे मेरी स्वामिनी, मैं राधे जू को दास।
जनम जनम मोहि दीजियो, श्री वृन्दावन को वास।।
श्री वृन्दावन सों वन नहि, नन्द गॉव सों गाँव ।
बंशीवट सों वट नहीं, कृष्ण नाम सों नाम ।।
वृन्दावन के वृक्ष को मरहम न जाने कोय |
यहाँ डाल डाल और पात पात पे श्री ‘राधे राधे’ होय||
वृंदावन बानिक बन्यौ भ्रमर करें गुंजार ।
दुलहिन रानी राधिका दूलह नन्दकुमार ॥
धन वृन्दावन धाम है, धन वृन्दावन नाम।
धन वृन्दावन रसिक जो सुमिरै श्यामा श्याम ||
लाड लड़े श्री राधिका मांगू गोद पसार ।
दीज्यो स्वामिन चरण रज और वृंदावन वास।।
राधा राधा रटत ही, सब ब्याधा मिट जाय ।
कोटि जन्म की आपदा, श्रीराधा नाम ते जाय ॥
पात-पात पर राधिका ,कण-कण पर घनश्याम।
अंकित है जिस भूमि पर, वह श्री वृन्दावन धाम।।
मनमोहन की मोहनी राधे जू की रास ।
नहीं मिलेंगे स्वर्ग में है ये ब्रज के पास।।
👉 Album :- Braj Chaurasi Kos Me
👉 Song :- Braj Chaurasi Kos Me
👉 Singer :- Devi Nidhi Saraswat
👉 Lyrics :- Traditional
👉 Music :- Sakhi Music Production
👉 Shoot & Video :- Hariprem Films
👉 Digital Partner :- Global Music Junction Pvt.Ltd
हमारे धर्म ग्रंथों की अनसुनी कहानी , भजन की pdf, और ज्ञानवर्धक चर्चा सुनने के लिए हमारे इस ग्रुप में जल्दी join ho जाएं, यहां आध्यात्म के अलावा और कोई फालतू बात नहीं होती https://chat.whatsapp.com/J8DmhFf4cucFkku4aiTr1s