सफलता पर प्रेरक प्रसंग

सफलता पर प्रेरक प्रसंग

आज पंडित उमाशंकर बहुत परेशान थे। उन्होंने ईश्वर से शिकायत की, “हे भगवान, तुमने मुझे ब्राह्मण के घर जन्म दिया और आज मैं किस तरह से अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूं। इस पर भी तुम्हें ध्यान देना चाहिए। मेरा भाग्य मुझसे क्यों रूठ गया है? कब मैं अपने जीवन में सुख का अनुभव कर पाऊंगा? भगवान, कम से कम एक बार मेरे भाग्य को जगाने का प्रयास तो करो।”

रात को पंडित सो रहे थे। उन्हें सपना आया कि कोई आवाज कह रही है, “यहां बैठकर क्या करेगा? उठ, चल, जो यहां से 30 कोश पर पहाड़ है, वहां तेरा भाग्य सोया हुआ है। उसे जाकर जगा ले, तेरा सारा काम हो जाएगा।”

सुबह पंडित उमाशंकर ने ईश्वर का स्मरण किया और जंगल की ओर कदम बढ़ाए। थोड़ी दूर चलते ही एक शेर आ गया। शेर तीन दिनों से भूखा था और पंडित को देखकर उसकी भूख और भी बढ़ गई। शेर ने पंडित पर छलांग लगाने की तैयारी की।

पंडित ने हाथ जोड़कर निवेदन किया, “हे जंगल के राजा, आप मुझे क्यों खा रहे हैं? मेरा भाग्य पहाड़ पर सोया हुआ है, उसे जगाने जा रहा हूं। जब मैं वापस आऊंगा, तो आप मुझे खा सकते हैं।”

शेर ने पंडित की बात सुनी और कहा, “ठीक है, लेकिन तुम मेरे भाग्य से भी पूछना कि मेरी भूख कब शांत होगी।” पंडित ने वादा किया और आगे बढ़ गया।

रात होने लगी तो पंडित ने रहने का स्थान ढूंढना शुरू किया। सामने एक किसान का घर था। किसान ने पंडित का स्वागत किया और रात को विश्राम कराया। सुबह किसान ने पंडित से पूछा कि वह कहां जा रहे हैं। पंडित ने बताया कि वह अपने भाग्य को जगाने पहाड़ पर जा रहे हैं। किसान ने अपनी समस्या भी बताई कि उसकी मेहनत का फल क्यों नहीं मिलता और उसकी बेटी की शादी कैसे होगी। पंडित ने वादा किया कि वह किसान की समस्या का समाधान भी पूछेगा।

आगे चलते हुए पंडित को एक राजमहल दिखा। राजा ने पंडित का स्वागत किया और उसकी समस्या बताई कि राज्य में अराजकता क्यों नहीं खत्म हो रही है। पंडित ने वादा किया कि वह इस सवाल का जवाब भी लाएगा।

पहाड़ पर पहुँच कर पंडित ने अपने भाग्य को जगाया। भाग्य ने कहा, “तुम आ गए, अब मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा।” पंडित अपने भाग्य के साथ सबसे पहले राजा के पास पहुंचे और बताया कि राजा वास्तव में पुरुष नहीं, बल्कि स्त्री हैं और राज्य का संचालन पुरुष ही ठीक से कर सकता है। राजा ने मंत्री से शादी कर ली और राज्य में शांति स्थापित हो गई।

फिर पंडित किसान के घर पहुंचे और बताया कि उसके खेत में सात सोने के घड़े गड़े हुए हैं। किसान ने धन निकालकर अपनी बेटी की शादी कर दी।

अंत में, पंडित जंगल के राजा शेर से मिले और बताया कि उसकी भूख तभी शांत होगी जब वह सबसे बड़े मूर्ख को खा लेगा। शेर ने सोचा कि पंडित ही सबसे बड़ा मूर्ख है जिसने दो बड़े मौके गवा दिए। शेर ने पंडित को मार डाला।

शेर के दिमाग में बस यही घूमता रहा, “सबसे बड़ा मूर्ख कौन?”

यह कहानी इस बात की शिक्षा देती है कि अवसर का सही समय पर लाभ न उठाने वाला व्यक्ति वास्तव में सबसे बड़ा मूर्ख होता है।

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