बाल ब्रह्मचारी हनुमान जी का पुत्र कैसे हुआ ?

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हनुमान, भगवान राम के परम भक्त होने के लिए जाने जाते हैं, उन्हें अतुलित बल के धाम और बुद्धि के लिए जाना जाता है। उन्हें कई नामों से जाना जाता है, जिनमें से एक “केसरीनंदन” है, जिसका अर्थ है केसरी का पुत्र। लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि केसरी नंदन खुद एक पिता भी थे, जबकि उन्होंने ब्रह्मचारी रहने का व्रत लिया था?

क्या आप विश्वास करेंगे? यह कहानी पुत्र और पिता की पहली मुलाकात और पुत्र द्वारा अपने पिता को यह बताने की है कि वह उस योद्धा का पुत्र है। इस बात को तो स्वयं सर्वशक्तिमान भी नहीं जानते थे। आइए अब हम हनुमान जी के बेटे की कहानी को उजागर करते हैं।

ऐसे हुआ था हनुमान जी के पुत्र का जन्म

जब हनुमान जी लंका जला कर समुद्र में आग बुझाने को कूदे थे, तब उनके शरीर का तापमान बहुत ज्‍यादा था. जब वह सागर के ऊपर थे, तब उनके शरीर के पसीने की एक बूंद सागर में गिर गई थी, जिसे एक मकर ने पी लिया था, और उसी पसीने की बूंद से वह गर्भावस्था को प्राप्त हो गई. उसने ही मकरध्‍वज को जन्‍म दिया था.वह मकर पूर्व जन्म में कोई अप्सरा थी, लेकिन श्राप के कारण मकर बन गई थी. बाद में उसी मकर को अहिरावण के मछुआरों ने पकड़ लिया और मार दिया. बाद में वह अप्सरा भी श्राप से मुक्त हो गईl


हनुमान जी के बच्चों का नाम क्या है?

हनुमान जी के पुत्र का नाम मकरध्वज था।

कैसे मिले पिता और पुत्र ?


अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें अपने महल में ले गया। हनुमान उनका पीछा करते हुए उनके राज्य में पहुंचे ताकि उन्हें बचा सकें। वहां द्वार पर उनकी मुलाकात मकरध्वज से हुई जिसने स्वयं को महान हनुमान का पुत्र बताया। हनुमान ब्रह्मचारी थे, इसलिए उसके शब्दों को सुनकर वह चौंक गए। अपने पुत्र के जन्म के पीछे के रहस्य को जानने के लिए वह ध्यान में गए और तब उन्हें पूरी घटना का पता चला।

मकरध्वज को किसने मारा?

पिता को महल में प्रवेश करने के लिए अपने बेटे का सामना करना पड़ा क्योंकि मकरध्वज अपने स्वामी के साथ विश्वासघात नहीं कर सकता था। इसलिए, हनुमान को भगवान राम को बचाने के लिए उसे हराना पड़ा। दोनों ने अपने स्वामी के प्रति निष्ठा का प्रदर्शन किया और द्वंद्व में युद्ध किया। हनुमान ने मकरध्वज को पराजित किया और भगवान राम और लक्ष्मण को बचाने की ओर बढ़े।

पाताल लोक का राजा कौन ?

अहिरावण को मारने के बाद, लंका लौटने और रावण के साथ युद्ध जारी रखने से पहले, भगवान राम ने हनुमान को मकरध्वज को पाताल लोक का नया राजा बनाने के लिए कहा।

मकरध्वज के वंशज ?

ऐसा माना जाता है कि क्षत्रियों का जेठवा ( Jhethwas which is the clan of Kshatriyas )मकरध्वज के वंशज हैं। जेठवा गुजरात का एक राजवंश है और वहां के लोग हनुमान जी को अपने “इष्ट देवता” के रूप में पूजते हैं। आप विशेष रूप से गुजरात में मकरध्वज और हनुमान जी को समर्पित कई मंदिर भी पा सकते हैं।


हनुमान जी के कितने पुत्र थे?

हनुमान जी एक ही पुत्र था जिसका नाम मकर ध्वज हुआ।

हनुमान जी अभी कहां है?

यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिं।
भाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्॥

जहाँ-जहाँ प्रभु रघुनाथ जी का कीर्तन होता है, वहाँ-वहाँ भगवान मारुति हाथ जोड़े हुए नतमस्तक, नेत्रों में प्रेमाश्रु भरे हुए विराजमान रहते हैं।


हनुमान जी की पत्नी कौन थी?

हनुमान जी की पत्नी का नाम सुवर्चला था।