अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जीवन परिचय
परम पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्य प्रदेश के शहर में भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को दिन बुधवार मां नर्मदा के किनारे पर स्थित विष्णु वराह भगवान की नगरी से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर सिरोहा तहसील के रेवझा नामक ग्राम के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री राम नरेश तिवारी हैं और माता का नाम श्रीमती छाया बाई हैं।
महाराज जी का बाल्यकाल
माता-पिता के दैवीय संस्कारों की देखरेख में पले बढ़े महाराज जी अत्यंत सरल मृद भाषी और कुशाग्र बुद्धि वाले थे। बाल्यकाल से ही महाराज श्री अपने गांव के ही श्री राधाकृष्ण मंदिर पर नित्य जाकर ठाकुर जी की सेवा पूजा में लगे रहते थे और अपने पारंपरिक गौ भक्त परिवार होने के कारण गौ माता की सेवा करने में आनंदित होते थे गौ माता के बछड़ों के साथ खेलना उन्हें बहुत अच्छा लगता था जब महाराज श्री गाय चराने जाते तो अपने साथ श्री हनुमान चालीसा और गीता साथ ले जाते थे जिसका नित्य प्रति सस्वर पाठ किया करते थे और अपने सहपाठियों से भी पाठ कराया करते थे इस प्रकार बचपन से ही सेवा और धार्मिक ग्रंथों में रुचि होने के कारण महाराज श्री को श्री धाम वृंदावन में ठाकुर जी की कृपा से वेद पुराण और शास्त्रों का अध्ययन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
महाराज जी की शिक्षा और दीक्षा
अपनी अल्पायु में ही महाराज श्री ने बहुत कम समय में शास्त्रों को कंठस्थ कर लिया महाराज श्री जी की दीक्षा श्री धाम वृंदावन में ही रामानुजाचार्य संप्रदाय से ही ठाकुर जी के परम कृपा पात्र परम तपस्वी तेजस्वी गृहस्थी संत श्री गिरिराज शास्त्री जी महाराज जी से प्राप्त हुई, साथ ही महाराज श्री जी ने अयोध्या से श्री राम कथा का अध्ययन अंजनी गुफा वाले गुरु जी से प्राप्त किया।
कथा का प्रारंभ
अपनी शिक्षा संपूर्ण करने के बाद अपनी जन्मभूमि में ही प्रथम बार अपनी मधुर वाणी में श्री हनुमान जी महाराज से आशीर्वाद लेने हेतु कथा सुनाई और फिर उसके बाद श्री हनुमान जी महाराज से आशीर्वाद लेकर समस्त भारतवर्ष में सनातन धर्म का ध्वजा लहराते हुए प्रचार प्रसार करते हुए लोगों के जीवन की दिशा और दशा को बदलने हेतु इस भक्ति पथ पर निकल पड़े।
वृद्धा आश्रम की शुरुवात
बाहर निकलकर महाराज जी ने समाज में मातृ शक्ति को जब उनके अपनों के द्वारा दुखी और सताया हुआ देखा तो महाराज जी के मन में समस्त मातृ शक्ति की सेवा का ऐसा भाव प्रकट हुआ कि जहां वह सभी मां एक साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर सके और किसी धाम में भक्ति करके इस जीवन को भी सफल बना सके और फिर एक दिन इसी भाव ने एक जीवंत रूप लिया और मई 2019 को श्री धाम वृंदावन में वृद्धा आश्रम की ऐसी नीव रखी गई जहां संपूर्ण विश्व सेना से जुड़कर मांओं की सेवा कर सके और वृंदावन में आकर पुण्य भी अर्जित कर सके।
अन्न-क्षेत्र की शरुवात
उसके बाद भी सेवा का यह भाव रुका नहीं बल्कि कोरोना जैसी भीषण आपदा में लोगों की धार्मिक और सामाजिक मदद के लिए आगे आए और सभी जरूरतमंदों के घरों में जाकर जरूरत का सभी खाद्य सामान पहुंचाया और वृंदावन में गौमाताओं बंदरों और अन्य जीवों के लिए नित्य खाने का सामान बंटवाया।
यह सब करने के बाद भी महाराज जी को संतुष्टि नहीं मिली तो उन्होंने एक ऐसी रसोई की सेवा प्रारंभ कर दी जिसमें सुबह से लेकर शाम तक हजारों लोगों के लिए भोजन प्रसादी की अति उत्तम व्यवस्था निशुल्क होने लगी। इसके साथ ही फिर वृंदावन में नित्य हजारों संत और जरूरतमंदों के लिए प्रारंभ हुआ गौरी गोपाल अन्न क्षेत्र जहां से नित्य सबको भोजन प्रसाद मिलने लगा। पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने अपनी अन्नपूर्णा रसोई को 30 जून 2020 में स्थापित किया, जहां रोज़ाना लगभग 3000 से 5000 व्यक्तियों को भोजन प्रदान किया जाता था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था समाज के गरीब और असहाय वर्गों को आहार प्रदान करना, जिससे उनकी आत्मा में ताकत और संगठन की भावना उत्पन्न हो। यह एक सामाजिक और धार्मिक कर्म है जो मानवता के प्रति सहानुभूति और सेवा के प्रति आदर्शों को प्रोत्साहित करता है।
इसके अलावा अन्य सेवाओं के साथ पूज्य महाराज जी जनमानस का कल्याण करते हुए पूरी दुनिया को सनातन धर्म से जोड़ने का अनूठा प्रयास कर रहे हैं तो आइए , हम भी इस पावन मुहिम का हिस्सा बने जो स्वर्णिम अक्षरों में एक दिन इतिहास में जरूर लिखा जाएगा
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जीवन परिचय
- पहले गौरी गणेश मनाया करो
- बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ
- जग रखवाला है मेरा भोला बाबा
- बेलपत्ते ले आओ सारे
- कैलाश के भोले बाबा
- कब से खड़ी हूं झोली पसार
- भोले नाथ तुम्हारे मंदिर मेंअजब नजारा देखा है
- शिव शंभू कमाल कर बैठे
- एक भूत शिव से बोला
- सुनो हे देवी माता रानी
- भीगी भीगी रातों में
- कावडिया ले चल शिव के द्वार
- मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी
- गौरां और शंकर हैं ये,
- शिव तो ठहरे सन्यासी गौरां पछताओगी
- कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी
- आशुतोष शशाँक शेखर
- अगड़-बम-शिव-लहरी
- डमरू वाले बाबा तेरी लीला है न्यारी
- कैलाश पर्वत पर बाज रहे घुंघरू
- शंकर तेरी जटा में
- भोलेनाथ की दीवानी
- भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
- ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
- मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी
- डमरू वाले वावा तुमको आना होगा
- अमृत बरसे बरसे जी
- ओम जय शिव ओंकारा की आरती लिखी हुई
- राधिका गोरी से बिरज की छोरी से
- सजा दो घर को गुलशन सा
- सांवली सूरत पे मोहन
- शिव आरती
- ओम जय जगदीश हरे आरती
- अंबे तू है जगदंबे काली
- कर लो ना राम भजन ग्यारस का
- ना जी भर के देखा
- अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाए जा
- तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
- तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
- सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।
- श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
- जगत में ग्यारस बड़ी महान
- बहु भोजन ना करूं मैं आज
- आज मैया का कीर्तन हमारे अंगना lyrics
- तू कर ले व्रत ग्यारस का
- ग्यारस माता से मिलन कैसे होय
- मुझे माता मिल गईं थी
- मेरी पूजा में हो रही देर गजानंद आ जाओ
- अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
- गौ माता की सेवा कर ले
- गौ माता के भजन लिरिक्स
- मैया राणी के भवन में
- फूलों से सजाया दरबार गजानन आ जाना
- कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके
- saja do ghar ko gulshan sa lyrics
- yug ram raj ka aa gaya lyrics
- मेरी झोपड़ी के भाग
- Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana
- मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना,
- छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
- श्री राम जी के भजन
- ऊँ जय शिव ओंकारा
- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
- माँ मेरी तुमसे लड़ाई है
- वीर हनुमाना अति बलवाना लिखित भजन
- अंजनी पुत्र पवनसुत वीर आपकी जय हो जय हो जय हो
- हनुमान चालीसा लिखित में
- श्री राम चंद्र कृपालु लिरिक्स
- राम भजन हिंदी में लिखित
- जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
- मुझे ले चलियो हनुमान मैया के जगराते में
- चंदा से भी सुंदर मेरे रामजी
- चरणों में रघुवर के
- तेरा भवन सजा जिन फूलों से
- ले के पूजा की थाली
- नौ दिन मेरे घर आना जगदंबे मैया
- नाम मेरी शेरोंवाली का जिस जिसने गाया है
- मुझे दर्शन दे गई मां कल रात सोते-सोते
- डर लागै डर लागै माँ काली तेरे तै डर लागै
- सपनों में मैया मेरी रोज चली आती है
- बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
- बिगड़ी मेरी बना दे ए शेरों वाली मैया
- पायो जी मैने राम रतन धन पायो
- सियार और ढोल
- देने का सबक: करुणा और मानवता की कहानी
- युधष्ठिर जी को मिली अमरता
- दुर्वासा ऋषि का श्री राम से मिलन
- जगन्नाथ धाम पुरी की रसोई: एक अद्भुत अनुभव
- दुर्वासा ऋषि का श्री राम से मिलन
- एक बहुत बड़ा अमीर आदमी और उसके दान की कहानी
- नाक रगड़ कर मांगी मांफी
- खाटू श्याम किसके पुत्र थे
- “सन्त की आश्चर्य-कहानी”
- छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां
- बूढ़ी माई का इलाज जब भगवान ने किया
- बच्चों की बाल कहानियां
- तुलसी और विष्णु की कहानी
- तीन सवाल
- श्रीकृष्ण की माया: सुदामा की
- लंका के शासक रावण की माँग
- धन्ना जाट जी की कथा
- “सच्ची भक्ति: सेवा और करुणा का मार्ग”
- जब मेघनाद का कटा हुआ सर बोल पड़ा
- Story of child:talk with god
- कैसे हुए एक बालक को भगवान के दर्शन
- पंचतंत्र की शिक्षाप्रद कहानियां
- खटमल और मच्छर की कहानी
- छोटी कहानी इन हिंदी ‘हनुमान जी कौन हैं
- Places to visit in Ayodhya
- spritualknowledge.technotrand.com/अनिरुद्धाचार्य-जी-महाराज/
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- बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ
- जग रखवाला है मेरा भोला बाबा
- बेलपत्ते ले आओ सारे
- कैलाश के भोले बाबा
- कब से खड़ी हूं झोली पसार
- भोले नाथ तुम्हारे मंदिर मेंअजब नजारा देखा है
- शिव शंभू कमाल कर बैठे
- एक भूत शिव से बोला
- सुनो हे देवी माता रानी
- भीगी भीगी रातों में
- कावडिया ले चल शिव के द्वार
- मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी
- गौरां और शंकर हैं ये,
- शिव तो ठहरे सन्यासी गौरां पछताओगी
- कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी
- आशुतोष शशाँक शेखर
- अगड़-बम-शिव-लहरी
- डमरू वाले बाबा तेरी लीला है न्यारी
- कैलाश पर्वत पर बाज रहे घुंघरू
- शंकर तेरी जटा में
- भोलेनाथ की दीवानी
- भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
- ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
- मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी
- डमरू वाले वावा तुमको आना होगा
- अमृत बरसे बरसे जी
- ओम जय शिव ओंकारा की आरती लिखी हुई
- राधिका गोरी से बिरज की छोरी से
- सजा दो घर को गुलशन सा
- सांवली सूरत पे मोहन
- शिव आरती
- ओम जय जगदीश हरे आरती
- अंबे तू है जगदंबे काली
- कर लो ना राम भजन ग्यारस का
- ना जी भर के देखा
- अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाए जा
- तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
- तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
- सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।
- श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
- जगत में ग्यारस बड़ी महान
- बहु भोजन ना करूं मैं आज
- आज मैया का कीर्तन हमारे अंगना lyrics
- तू कर ले व्रत ग्यारस का
- ग्यारस माता से मिलन कैसे होय
- मुझे माता मिल गईं थी
- मेरी पूजा में हो रही देर गजानंद आ जाओ
- अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
- गौ माता की सेवा कर ले
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- मैया राणी के भवन में
- फूलों से सजाया दरबार गजानन आ जाना
- कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके
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- मेरी झोपड़ी के भाग
- Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana
- मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना,
- छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
- श्री राम जी के भजन
- ऊँ जय शिव ओंकारा
- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
- माँ मेरी तुमसे लड़ाई है
- वीर हनुमाना अति बलवाना लिखित भजन
- अंजनी पुत्र पवनसुत वीर आपकी जय हो जय हो जय हो
- हनुमान चालीसा लिखित में
- श्री राम चंद्र कृपालु लिरिक्स
- राम भजन हिंदी में लिखित
- जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
- मुझे ले चलियो हनुमान मैया के जगराते में
- चंदा से भी सुंदर मेरे रामजी
- चरणों में रघुवर के
- तेरा भवन सजा जिन फूलों से
- ले के पूजा की थाली
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- नाम मेरी शेरोंवाली का जिस जिसने गाया है
- मुझे दर्शन दे गई मां कल रात सोते-सोते
- डर लागै डर लागै माँ काली तेरे तै डर लागै
- सपनों में मैया मेरी रोज चली आती है
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- बिगड़ी मेरी बना दे ए शेरों वाली मैया
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- सियार और ढोल
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